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सोमवार, 6 अप्रैल 2020

Sherlock Holmes ki kahaniya in Hindi - Part 5

Sherlock Holmes ki kahaniya in Hindi - Part 5

Sherlock Holmes ki kahaniya in Hindi

(((लेखक परिचय:  सर आर्थर कॉनन डायल, (1859-1930) स्कॉटिश लेखक, आयरिश माता. पिता, इडिबर्ग में जन्मे थे. उन्होंने डाक्टरी की पढ़ाई भी की. लेकिन उन की लेखन प्रतिभा के कारण उन के प्रशंसकों ने उन्हें जासूसी कहानियों की श्रृंखला लिखने के लिए उत्साहित किया. इस के फलस्वरूप उन की जासूसी कहानियों की पहली श्रृंखला ब्रिटेन की स्ट्रेंड पत्रिका में 1891-93 में प्रकाशित हुई. यह श्रृंखला इतनी प्रसिद्ध हुई कि डायल को अपने जासूस शरलॉक होम्स जिस का उन्होंने अंत कर दिया था, उसे दोबारा प्रस्तुत करना पड़ा. इस के अतिरिक्त उन की अन्य पुस्तकें ‘रोडनी स्टोन’, ‘लेस्टिवर्ड’ व ‘पाइजन बैल्ट’ काफी प्रसिद्ध हैं. शरलॉक होम्स की कहानियों की यही विशेषता है कि वे आज भी जासूसी सीखने व सिखाने की कला के लिए मूलभूत स्रोत हैं. शरलॉक होम्स की कहानियों को विभिन्न श्रृंखलाओं में प्रस्तुत किया जा रहा है. 
शरलॉक होम्स का परिचयसर आर्थर कॉनन डायल ने अपने इस प्रसिद्ध खोजी जासूस शरलॉक होम्स के व्यक्तिगत जीवन पर कुछ नहीं लिखा था. फिर भी विभिन्न केसों के हल करते समय होम्स और डा. वॉटसन के आपसी बातचीत के विवरणों से पता चलता है कि उस का जन्म लगभग 1854 में हुआ था. होम्स के अनुसार उस ने अपनी इस खोजी या पता करने (या कहिए सूंघने) की कला को अपनी कालिज की पढ़ाई के दौरान ही ढूंढ़ा था. शुरूशुरू में उस ने नौसिखिए के रूप में कार्य किया फिर अपनी इस खोजी विद्या को अपनी क्लास के मित्र के पिता के आग्रह पर ही उस ने अपना व्यवसाय बनाने का विचार किया था. छह वर्षों तक उस ने विश्वविद्यालय में सलाहकार के रूप में कार्य किया, लेकिन पैसे की तंगी के कारण उस ने डा. वॉटसन के साथ मिल कर 221-बी बेकर स्ट्रीट पर अपना कार्यालय खोला. जहां पर वह अपने ग्राहकों व पुलिस के अधिकारियों व अन्य संबंधित व्यक्तियों से भी मिलता था. होम्स ने डा. वॉटसन के साथ लगभग 23 वर्षों तक कार्य किया. होम्स को ले कर अंतिम कहानी 1908 में लिखी गई थी.)))



Part 5


हमारा विज्ञापन एक मेहमान को घर लाता है 

               सवेरे की हमारी गतिविधियां मेरी कमजोर तबीयत के लिए कुछ ज्यादा ही कष्टप्रद साबित हुईं और दोपहर होतेहोते मैं पस्त हो चुका था. कांसर्ट के लिए होम्स के रवाना होने के बाद मैं सोफे पर लेट गया और एकाध घंटा सोने की कोशिश करने लगा. यह एक असफल प्रयास था. जो कुछ भी हुआ था, उस से मेरा मन बड़ा बेचैन था और तरहतरह की बातें उठ रही थीं. जितनी बार भी मैं ने आंखें बंद कीं, मेरे सामने कत्ल हुए उस आदमी का टेढ़ा, बंदरनुमा चेहरा दिखलाई दिया. उस चेहरे का मेरे ऊपर इतना खौफनाक असर पड़ा कि मेरे मन में उस शख्स के प्रति कृतज्ञता भर गई, जिस ने इतने विद्रूप चेहरे को दुनिया से मिटा डाला था. अगर किसी इनसानी चेहरे पर बुरी से बुरी आदतें लिखी थीं, तो वह इनसान एनोच जे. ड्रेबर, क्लीवलैंड ही हो सकता था. फिर भी मैं समझ गया था कि इंसाफ होना चाहिए और मृतक की आपराधिक प्रवृत्ति न्याय की नजर में हत्या को सही नहीं ठहरा सकती.
               मैं ने इस के बारे में जितना सोचा, उतना ही असाधारण मुझे अपने मित्र का तर्क लगा कि इस आदमी को जहर दिया गया है. मुझे याद आया कि कैसे उस ने उस के होंठ सूंघे थे और इस के बारे में कोई शक नहीं था कि उस ने उस में कुछ ऐसा अनुभव किया था, जिस से यह खयाल उपजा होगा. फिर अगर यह जहर नहीं था, तो उस आदमी की मृत्यु का क्या कारण हो सकता था, क्योंकि न तो चोट के निशान थे, न गला घोंटे जाने के? पर दूसरी ओर, वह किस का खून था जो इतना गाढ़ा हो कर जमीन पर फैला था?
                                               संघर्ष का कोई निशान नहीं था. न ही मृत आदमी के पास कोई हथियार ही था, जिस से वह अपने दुश्मन को मार सकता. जब तक ये प्रश्न अबूझे रहते हैं, मुझ को लगा कि नींद आना कोई आसान काम नहीं, न होम्स के लिए, न ही मेरे लिए. उस का शांत, आत्मविश्वास से भरा रवैया मुझे आश्वस्त कर रहा था कि उस ने कोई धारणा बना ली है जिस से सारी बातें साफ हो जाती हैं, हालांकि वह धारणा क्या थी, यह समझ से बाहर था.
                    वापस आने में उसे बहुत देर हो गई. इतनी देर कि मैं समझ गया कि इतना वक्त उसे कांसर्ट में नहीं लग सकता था. उस के आने से पहले ही डिनर टेबुल पर लग चुका था.
                   “बहुत आलीशान था,” उस ने अपनी सीट पर बैठते हुए कहा. “क्या तुम्हें याद है कि डारविन संगीत के बारे में क्या कहता है? वह दावा करता है कि संगीत को उत्पन्न करने और उस की तारीफ करने की क्षमता इनसान में वाणी से भी पहले उत्पन्न हो चुकी थी. शायद इसलिए हम संगीत से इतना प्रभावित होते हैं. हमारी आत्माओं में इन धुंध भरी शताब्दियों की धुंधली सी यादें हैं, जब यह संसार अपने शिशुकाल में था.”
                  “यह तो बड़ा विस्तृत खयाल है,” मैं ने टिप्पणी की.
                 “अगर हम प्रकृति को समझना चाहते हैं तो हमारे विचार प्रकृति की तरह विस्तृत होने चाहिए,” उस ने जवाब दिया, “क्या मामला है? तुम कुछ अनमने लग रहे हो. ब्रिक्स्टन रोड मामले से तुम परेशान हो गए हो.”
        “सच कहूं तो हां, ऐसा ही है,” मैं ने कहा, “अफगान के अपने अनुभवों के बाद मुझे मजबूत हो जाना चाहिए था. मैं ने मैवांड में अपने ही साथियों को, (बगैर अपना आपा खोए) टुकड़ेटुकड़े काटे जाते देखा है.”
        “मैं समझ सकता हूं. इस के बारे में कोई रहस्य जरूर है, जो मन को झकझोर देता है. जब कोई कल्पना नहीं होती, तो भय भी नहीं होता. क्या तुम ने शाम का अखबार देखा है?”
        “नहीं.”
        “उस में पूरे माजरे का काफी अच्छा वर्णन है. उस में यह बात नहीं बताई गई है कि जब उस आदमी को उठाया गया, तो एक स्त्री की शादी की अंगूठी जमीन पर गिरी थी. अच्छा ही हुआ कि उस में इस बात का जिक्र नहीं था.”
        “क्यों?”
        “इस विज्ञापन को देखो,” उस ने उत्तर दिया. “इस घटना के तुरंत बाद मैं ने एक ऐसा विज्ञापन आज सुबह हर अखबार में भिजवाया है.”
        “उस ने अखबार मेरी ओर फेंका और मैं ने उस जगह पर नजर डाली, जहां उस ने इशारा किया था. ‘पाया’ वाली पंक्ति में यह पहली घोषणा थी. ‘ब्रिक्स्टन रोड में आज सुबह.’ उस में लिखा था, ‘एक सादी, सोने की अंगूठी, ह्वाइट हार्ट टैवर्न और हॉलैंड ग्रोव के बीच की सड़क पर पाई गई है. डा. वॉटसन, 221-बी बेकर स्ट्रीट से संपर्क करें, आज शाम आठ और नौ बजे के बीच.”
         “तुम्हारे नाम का इस्तेमाल करने के लिए माफी चाहता हूं,” उस ने कहा. “अगर मैं ने अपना नाम लिखा होता, इन में से कुछ बेवकूफों ने पहचान लिया होता और फिर वे लोग इस मामले में टांग अड़ाते.”
         “वह सब ठीक है,” मैं ने जवाब दिया. पर यदि कोई इस विज्ञापन का जवाब देता है, तो मेरे पास कोई अंगूठी नहीं है.”
         “है कैसे नहीं, बिलकुल है तुम्हारे पास.” उस ने मुझ को एक अंगूठी देते हुए कहा. “यह बिलकुल ठीक रहेगी. यह बिलकुल उसी जैसी अंगूठी है.”
         “और तुम क्या सोचते हो कि इस विज्ञापन का जवाब कौन देगा?”
         “क्यों, भूरे कोट वाला आदमी देगा-हमारा लाल चेहरे वाला दोस्त जिस के चौकोर पंजे हैं. अगर वह अपनेआप नहीं आता, तो वह अपने किसी साथी को भेजेगा.”
         “क्या उस को, ऐसा करना खतरनाक नहीं लगेगा?”
         “बिलकुल भी नहीं. अगर इस मामले पर मेरा नजरिया सही है और इस को सही समझने के मेरे पास कई कारण हैं, तो यह आदमी अंगूठी खोने से अच्छा और कुछ भी खो देने का जोखिम उठाएगा. मेरे खयाल से, इस ने यह तब खोया था जब वह ड्रेबर की लाश पर झुका हुआ था और तब इसे पता नहीं चला था. घर से जाने के बाद इस को समझ में आया और यह जल्दी से वापस आया. पर आने के बाद उस ने देखा कि पुलिस पहले से ही पहुंची हुई है, क्योंकि इस ने मोमबत्ती जलती रहने देने की गलती कर दी थी.
         “फिर उसे शराबी होने का नाटक करना पड़ा, जिस से गेट पर उस की मौजूदगी से किसी तरह का शक पैदा न हो. अब अपने को उस आदमी की जगह रख कर देखो. इस मामले पर फिर से गौर करने पर उस को उसे ऐसा लगा होगा कि यह हो सकता है कि उस से अंगूठी सड़क पर कहीं गिर गई हो. फिर वह क्या करता? फिर वह शाम के अखबारों को उत्सुकता से पढ़ता, इस उम्मीद में कि शायद ‘पाया’ वाली जगह में उस का जिक्र हो. उस की आंखें बेशक इस पर पड़तीं. वह फूला नहीं समाता. उसे इस में कोई साजिश क्यों नजर आती? उस की नजर में कोई ऐसा कारण नहीं होता कि इस अंगूठी का पाया जाना किसी भी तरह हत्या से ताल्लुक रखता होगा. वह जरूर आता. वह जरूर आएगा. एक घंटे के अंदर तुम उस को देख लोगे.”
          “और फिर?” मैं ने पूछा.
          “और उस से निपटने के लिए मैं काफी हूं. क्या तुम्हारे पास कोई हथियार है?”
          “मेरे पास मेरी पुरानी सर्विस रिवॉलवर और कुछ कारतूस हैं.”
          “तुम उस को साफ कर के लोड कर लो. वह बौखलाया हुआ होगा और हालांकि मैं अचानक उस पर हावी हो जाऊंगा, बेहतर यही होगा कि हम पूरी तरह सतर्क रहें और हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें.”
           मैं अपने बेडरूम में गया और उस की सलाह पर अमल किया. जब मैं पिस्तौल ले कर लौटा, मेज साफ हो चुकी थी और होम्स अपना समय वायलिन बजा कर बिता रहा था.
          “कहानी गहराती जा रही है,” मैं ने जब अंदर प्रवेश किया, तब उस ने कहा, “मुझे अपने अमरीकी तार का अभीअभी जवाब मिला है. इस मामले में मेरी राय बिलकुल सही है.”
          “और वह क्या है?” मैं ने उत्सुकता से पूछा.
          “मेरे वायलिन में नए तार लगाने हैं,” वह बोला,
          “पिस्तौल अपनी जेब में रख लो. जब वह व्यक्ति आए, उस से साधारण तरीके से बात करना. बाकी सब मेरे ऊपर छोड़ दो. उस को ज्यादा कड़ी नजर से मत देखना, नहीं तो वह डर जाएगा.”
          “इस वक्त आठ बज रहे हैं,” घड़ी पर नजर डालते हुए मैं ने कहा.
          “हां, शायद वह कुछ ही मिनटों में यहां आ जाएगा. दरवाजा थोड़ा सा खोल दो. हां, इतना ठीक है. अब चाबी अंदर लगा दो. थैंक्यू! यह एक अजीब सी किताब है जो मैं ने कल एक दुकान से ली थी, दि ज्यूरे इंटर जेंटिस. यह लैटिन भाषा में लोलेंड के लीज में लिखी गई थी, 1642 में. चार्ल्स का सिर तब भी उस के धड़ से लगा हुआ था, जब इस छोटी सी भूरीकाली किताब पर रोक लगाई गई थी.”
           “इस का प्रकाशक कौन है?”
           “फिलिप डि क्रोय, वह जो कोई भी रहा हो. उस के पहले पन्ने पर बहुत धुंधली स्याही से लिखा है-एक्सलिबरिस गुलीलमी ह्वाइट. पता नहीं, यह विलियम ह्वाइट आखिर कौन था. शायद सत्रहवीं शताब्दी का कोई चतुर वकील था. उस के लेखन में कानूनी दांवपेंच है. यह लो, शायद हमारा आदमी भी आ रहा है.”
           जब वह बोल रहा था, तभी जोर से घंटी बज उठी. शरलॉक होम्स ने तेजी से दरवाजे की ओर अपनी कुरसी मोड़ ली. हम ने नौकरानी को हॉल से गुजरते हुए सुना और चटखनी की तेज खटाक की आवाज से उस ने दरवाजा खोल दिया.
          “क्या डाक्टर वॉटसन यहीं रहते हैं?” एक स्पष्ट पर कर्कश आवाज ने पूछा. हम नौकरानी का जवाब नहीं सुन पाए, पर दरवाजा बंद हुआ और कोई सीढ़ियों के ऊपर चढ़ने लगा. पैरों की आहट अनिश्चित और लड़खड़ाती सी थी. उस को सुनते हुए मेरे मित्र के चेहरे पर ताज्जुब का भाव था. वह धीरेधीरे गलियारे तक आया और फिर दरवाजे पर हलकी सी थपथपाहट हुई.
          “अंदर आ जाओ,” मैं बोल पड़ा. मेरे पुकारने पर हमारी आशा के विपरीत, बजाए उस हिंसक आदमी के जिस की हम ने कल्पना की थी, एक बहुत बूढ़ी, झुर्रीदार औरत ने अपार्टमेंट में प्रवेश किया. अचानक हुई रोशनी की चकाचौंध से वह चौंधियांई हुई जान पड़ी और हलका सा अभिवादन करने के बाद वह हमारी ओर पलकें झपकाती, अपनी घबराई हुई कंपकपाती अंगुलियों से अपनी जेब टटोलने लगी. मैं ने अपने मित्र की ओर देखा और उस के चेहरे पर ऐसे निराशा के भाव थे कि मेरी कुछ समझ में नहीं आया.
           बूढ़ी औरत ने शाम का अखबार निकाला और हमारे विज्ञापन की ओर इशारा किया. “भले लोगो, यह विज्ञापन ही मुझे यहां तक लाया है,” फिर से अभिवादन करते हुए वह बोली, “ब्रिक्सटन रोड पर सोने की अंगूठी, वह मेरी बेटी सैली की है, जिस की बारह महीने पहले ही शादी हुई है और जिस का पति एक यूनियन बोट पर कारिंदा है और मैं सोच भी नहीं सकती कि वापस आने पर अपनी पत्नी के पास अंगूठी न पा कर वह क्या कहेगा. क्योंकि वैसे भी आमतौर पर वह गुस्से से बौखलाया रहता है, खास कर जब वह नशे में होता है. अगर आप को जान कर कोई खुशी होनी है, तो पिछली रात वह सर्कस देखने गई थी-”
           “क्या यह उस की अंगूठी है?” मैं ने पूछा.
            बुढ़िया बोल पड़ी, “आज रात सैली एक बेहद खुश महिला होगी, यही वह अंगूठी है.”
           “और तुम्हारा पता क्या है?” मैं ने पेंसिल उठाते हुए तहकीकात की.
           “13, डंकन स्ट्रीट, हाउंड्सडिच. यहां से थोड़ी दूरी पर है.”
           “ब्रिक्सटन रोड किसी भी सर्कस और हाउंड्सडिच के बीच में नहीं पड़ती,” शरलॉक होम्स ने तल्खी से कहा.
           बूढ़ी औरत ने मुड़ कर उस की ओर गौर से देखा, “इस भले आदमी ने मुझ से मेरा पता पूछा था,” वह बोली. “सैली का घर 3, मेफील्ड, पैलेस, पेकहम में है.”
          “और तुम्हारा नाम?”
          “मेरा नाम है सॉयर, उस का है डेनिस, क्योंकि उस के साथ टॉम डेनिस ने शादी की है और वह काफी स्मार्ट और साफ लड़का है. जब वह समुद्र पर रहता है, तो उस जैसा कोई नहीं है. पर जब वह तट पर होता है, तो इतनी औरतें और इतनी शराब की दुकानें.”
          “यह रही तुम्हारी अंगूठी, मिसेज सॉयर,” अपने मित्र के इशारे पर मैं ने उस को टोका. “जाहिर है कि यह तुम्हारी बेटी की ही है और मुझे खुशी है कि मैं ने इस को इस के सही हकदार तक पहुंचा दिया है.”
           ढेर सारे आशीष बुदबुदाती हुई और अपनी कृतज्ञता प्रकट करती बूढ़ी औरत ने उस को अपनी जेब में रख लिया और सीढ़ियों के नीचे उतर गई. जैसे ही वह गई, शरलॉक होम्स लपक कर उठा और तेजी से अपने कमरे में गया. कुछ ही पलों में एक ओवरकोट और टोप पहने वह वापस आया. जल्दी से उस ने कहा, “मैं उस का पीछा करूंगा. वह उस की साथी होगी और इस का पीछा कर के मैं अपराधी तक पहुंच जाऊंगा. मेरे लिए जागते रहना.”
           हाल का दरवाजा हमारी मेहमान के जाने पर बंद हुआ भर था. जब होम्स सीढ़ियों के नीचे उतरा, खिड़की से मैं ने बूढ़ी औरत को धीरेधीरे दूसरी ओर चलते हुए देखा, जबकि उस का पीछा करने वाला थोड़ी सी दूरी पर उस का पीछा कर रहा था. ‘या तो इस का पूरा अंदाजा गलत है,’ मैं ने सोचा, ‘या फिर यह रहस्य की तह तक जा पहुंचेगा.’ उसे मुझ से यह कहने की कोई जरूरत नहीं थी कि मैं जागता रहूं, क्योंकि मुझे लगा कि उस के कारनामे का नतीजा जाने बगैर मेरे लिए सो जाना नामुमकिन था.
           जब वह बाहर के लिए निकला था, उस वक्त करीब नौ बज रहे थे. मुझे इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि उस को कितनी देर लगेगी, पर मैं अपना पाईप पीते और हेनरी मुरगर की ‘वाई दि बोहिम’ के पन्ने पलटते हुए समय गुजारने लगा. दस बज गए और मैं ने नौकरानी के कदमों की आहट को उस के बिस्तर तक जाते हुए सुना. ग्यारह बजे और मकान मालकिन के कदमों की रोबीली आहट अपने बिस्तर तक जाती सुनाई पड़ी. दरवाजा खुलने की चाबी की आवाज सुनाई पड़ी तो करीब बारह बज रहे थे. जैसे ही वह अंदर घुसा, मैं उस का चेहरा देखते ही समझ गया कि वह सफल नहीं हो पाया है. उस के चेहरे पर हंसी और निराशा के मिलेजुले भाव थे और फिर वह अचानक जोर से हंस पड़ा.
             “मैं किसी भी कीमत पर स्कॉटलैंड यार्ड वालों को यह बात नहीं जानने दूंगा,” कुरसी पर ढेर होते हुए वह बोला, “मैं ने उन को इतना तंग कर रखा है कि वे मेरा मजाक उड़ातेउड़ाते कभी नहीं ऊबेंगे. मैं इसलिए हंस सकता हूं क्योंकि मैं जानता हूं कि आखिर में मैं उन से हिसाब चुकता कर ही लूंगा.”
             “आखिर बात क्या है?” मैं ने पूछा.
             “ओह, अपने खिलाफ जाने वाली कहानी सुनाने में मुझे कोई एतराज नहीं,” वह थोड़ी दूर गई और फिर लंगड़ाने लगी और ऐसा लगा कि उस के पैरों में छाले पड़ गए हैं. फिर वह रुक गई और गुजरती हुई गाड़ी को रोका. मैं उस के इतने पास तक आ गया था कि मैं पता सुन सकूं, पर मुझे फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि उस ने इतनी जोर से अपना पता बताया कि सड़क के उस पार भी सुनाई दे जाए: 13, डंकन स्ट्रीट, हाउंड्सडिच तक ले चलो.” वह बोली. ‘यह तो सब सच्चा जान पड़ रहा है,’ मैं ने सोचा और जब वह पूरी तरह अंदर बैठ गई, तो मैं भी गाड़ी के पीछे छिप गया. यह ऐसी कला है, जिस में हर जासूस को महारत हासिल होनी चाहिए. फिर हम खड़खड़ाते हुए चले और तब तक नहीं रुके जब तक हम उस सड़क तक पहुंच नहीं गए.
              दरवाजा आने से पहले ही मैं गाड़ी से कूद गया और सड़क पर ऐसे ही टहलने लगा. मैं ने गाड़ी को रुकते हुए देखा. कोचवान नीचे कूदा और उम्मीद में खड़ा रहा. पर गाड़ी में से कुछ नहीं निकला. जब मैं उस के पास पहुंचा, वह गाड़ी के अंदर हड़बड़ाहट में कुछ टटोल रहा था और ऐसीऐसी गालियां दे रहा था जैसी मैं ने शायद ही पहले कभी सुनी हों. उस की सवारी का कोई नामोनिशान नहीं था और उस को अपना किराया मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी.
              नंबर 13 पर पता करने पर हम ने पाया कि वह घर एक संभ्रात कागज के व्यापारी, केसविक का था और वहां पर किसी ने कभी न तो सॉयर और न ही डेनिस का नाम सुना था.
              “तुम्हारा कहने का मतलब कहीं यह तो नहीं,” मैं ने आश्चर्य से कहा, “कि वह लड़खड़ाती कमजोर बुढ़िया औरत चलती गाड़ी से कूद गई और न तुम और न ही कोचवान उस को देख पाया?”
              “बूढ़ी औरत गई भाड़ में,” शरलॉक होम्स ने कहा. “बूढ़ी औरतें तो हम लोग थे, जो उस के झांसे में आ गए. वह कोई जवान आदमी रहा होगा, जो काफी फुरतीला भी था और साथ ही बेजोड़ अभिनेता भी. उस का मेकअप भी कमाल का था. उस ने निस्संदेह देख लिया था कि उस का पीछा हो रहा है और मुझे झांसा देने का उस ने यह तरीका अपनाया. यह दर्शाता है कि जिस आदमी की हमें तलाश है, वह उतना अकेला नहीं है जितना मैं उसे समझ रहा था, पर उस के साथ ऐसे मित्र हैं, जो उस के लिए खतरा मोल ले सकते हैं. डाक्टर, तुम थके हुए लग रहे हो, मेरी राय मानो तो जा कर सो जाओ.”
               मैं वास्तव में बहुत थकान महसूस कर रहा था, इसलिए मैं ने यह बात मान ली. मैं ने होम्स को उस जलती आग के पास बैठा छोड़ा और देर रात मैं ने उस के वायलिन की गमगीन धुनें सुनीं और मैं जान गया कि वह अब भी उसी विचित्र समस्या के बारे में सोच रहा है जिस को सुलझाने की उस ने ठानी थी.

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