UA-158808998-1 Sherlock Holmes ki kahaniya in Hindi - Part 4 - Hindi Kahaniya

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सोमवार, 6 अप्रैल 2020

Sherlock Holmes ki kahaniya in Hindi - Part 4

Sherlock Holmes ki kahaniya in Hindi - Part 4

Sherlock Holmes ki kahaniya in Hindi


(((लेखक परिचय:  सर आर्थर कॉनन डायल, (1859-1930) स्कॉटिश लेखक, आयरिश माता. पिता, इडिबर्ग में जन्मे थे. उन्होंने डाक्टरी की पढ़ाई भी की. लेकिन उन की लेखन प्रतिभा के कारण उन के प्रशंसकों ने उन्हें जासूसी कहानियों की श्रृंखला लिखने के लिए उत्साहित किया. इस के फलस्वरूप उन की जासूसी कहानियों की पहली श्रृंखला ब्रिटेन की स्ट्रेंड पत्रिका में 1891-93 में प्रकाशित हुई. यह श्रृंखला इतनी प्रसिद्ध हुई कि डायल को अपने जासूस शरलॉक होम्स जिस का उन्होंने अंत कर दिया था, उसे दोबारा प्रस्तुत करना पड़ा. इस के अतिरिक्त उन की अन्य पुस्तकें ‘रोडनी स्टोन’, ‘लेस्टिवर्ड’ व ‘पाइजन बैल्ट’ काफी प्रसिद्ध हैं. शरलॉक होम्स की कहानियों की यही विशेषता है कि वे आज भी जासूसी सीखने व सिखाने की कला के लिए मूलभूत स्रोत हैं. शरलॉक होम्स की कहानियों को विभिन्न श्रृंखलाओं में प्रस्तुत किया जा रहा है. 
शरलॉक होम्स का परिचयसर आर्थर कॉनन डायल ने अपने इस प्रसिद्ध खोजी जासूस शरलॉक होम्स के व्यक्तिगत जीवन पर कुछ नहीं लिखा था. फिर भी विभिन्न केसों के हल करते समय होम्स और डा. वॉटसन के आपसी बातचीत के विवरणों से पता चलता है कि उस का जन्म लगभग 1854 में हुआ था. होम्स के अनुसार उस ने अपनी इस खोजी या पता करने (या कहिए सूंघने) की कला को अपनी कालिज की पढ़ाई के दौरान ही ढूंढ़ा था. शुरूशुरू में उस ने नौसिखिए के रूप में कार्य किया फिर अपनी इस खोजी विद्या को अपनी क्लास के मित्र के पिता के आग्रह पर ही उस ने अपना व्यवसाय बनाने का विचार किया था. छह वर्षों तक उस ने विश्वविद्यालय में सलाहकार के रूप में कार्य किया, लेकिन पैसे की तंगी के कारण उस ने डा. वॉटसन के साथ मिल कर 221-बी बेकर स्ट्रीट पर अपना कार्यालय खोला. जहां पर वह अपने ग्राहकों व पुलिस के अधिकारियों व अन्य संबंधित व्यक्तियों से भी मिलता था. होम्स ने डा. वॉटसन के साथ लगभग 23 वर्षों तक कार्य किया. होम्स को ले कर अंतिम कहानी 1908 में लिखी गई थी.)))


Part 4

जॉन रेंस को क्या बताना था 

जब हम ने नंबर 3, लौरिस्टन गार्डन छोड़ा, उस वक्त एक बज रहा था. शरलॉक होम्स मुझे सब से पास के तार घर में ले गया, जहां उस ने एक लंबा टेलीग्राम भेजा. फिर उस ने एक कैब बुलाई और ड्राइवर को आदेश दिया कि हमें लेस्ट्रेड के दिए पते पर ले जाए.
                 “साक्षात सबूत जैसा कुछ भी नहीं,” उस ने टिप्पणी की, “असल में मेरे दिमाग में यह केस पूरी तरह सुलझ चुका है, पर फिर भी जो कुछ जान सकते हैं, जान लेना चाहिए.”
                                           “मुझे तुम ताज्जुब में डाल देते हो,” होम्स, मैं ने कहा, “तुम ने जो सारी बारीकियां बताई हैं, उन के बारे में तुम्हें उतना नहीं मालूम जितना जानने का तुम नाटक कर रहे हो.”
                          “गलती की गुंजाइश ही नहीं है,” उस ने जवाब दिया. “वहां पहुंचने पर मेरा ध्यान सब से पहले इस बात पर गया कि पत्थरों के पास ही किसी कैब के पहियों से दो लकीरें बनी हुई थीं. अब पिछली रात तक एक हफ्ते से कोई बारिश नहीं हुई थी, इसलिए इतने गहरे निशान छोड़ने वाले पहिए रात में ही आए होंगे. वहां पर घोड़े के खुरों के भी निशान थे, जिस में एक निशान बाकी तीन निशानों से ज्यादा साफ था. इस का मतलब कि वह नाल नई थी, क्योंकि वह घोड़ागाड़ी बारिश शुरू होने के बाद वहां आई थी और सवेरे किसी भी समय नहीं आई, ऐसा ग्रेगसन ने खुद मुझे बताया- इस का मतलब यही हुआ कि रात में यह यहां लाई गई होगी. इस तरह इस घर में दोनों लोगों को ले कर आई.”
                            “यह तो बड़ा साधारण सा जान पड़ रहा है,” मैं ने कहा, “पर दूसरे शख्स की लंबाई के बारे में कैसे मालूम पड़ा?”
              “क्यों, दस में से नौ मामलों में किसी भी व्यक्ति की लंबाई उस के पैरों के डगों की लंबाई से मापी जा सकती है. यह एक आसान सा गणित है, हालांकि अपने गणित से मैं तुम को बोर नहीं करना चाहता. इस आदमी के डग की लंबाई का अंदाज मुझे बाहर की गीली मिट्टी और अंदर की धूल से लग गया था. फिर भी अपनी गणना को जांचने का मेरे पास एक तरीका था. जब कोई दीवार पर लिखता है, तो वह स्वाभाविक तौर पर अपनी आंखों के स्तर पर लिखता है. अब लिखावट जमीन से लगभग दो मीटर की ऊंचाई पर थी. यह तो बच्चों का खेल था.”
            “और उस की उमर?” मैं ने पूछा.
            “अगर कोई शख्स बगैर कोशिश किए लगभग सवा मीटर का डग भर सकता है, तो वह कोई कच्ची उमर का तो नहीं हो सकता. बगीचे में बने पानी भरे गड्ढे की इतनी ही चौड़ाई थी, जो उस ने पार की थी. उस के बूट पेटेंट चमड़े के थे और बूटों के पंजे चौकोर थे. इस में किसी तरह का कोई रहस्य नहीं है. मैं तो सिर्फ साधारण जिंदगी में वे बातें लागू कर रहा हूं, जिन की मैं ने उस लेख में पैरवी की है. क्या ऐसा और भी कुछ है, जो तुम्हें समझ में नहीं आ रहा है?”
            “उस के नाखून और ट्रिशनोपोली,” मैं ने सुझाव दिया.
            “दीवार पर लिखावट किसी आदमी की खून में डूबी अंगुली से की गई थी. मेरे शीशे ने मुझे यह गौर करने दिया कि ऐसा करते वक्त प्लास्टर थोड़ा खुरचा हुआ था, जो तब नहीं होता अगर उस आदमी के नाखून कटे हुए होते. मैं ने जमीन पर फैली हुई थोड़ी सी राख उठाई. वह गहरे रंग की थी और उस में छोटेछोटे टुकड़े थे, जैसा सिर्फ एक ट्रिशनोपोली ही बना सकती है. मैं ने सिगरेट की राख पर विशेष अध्ययन किया है. सच में, मैं ने इस विषय पर लेख भी लिखा है. मुझे अपनेआप पर गर्व है कि मैं एक नजर में किसी भी सिगार या तंबाकू की राख पहचान सकता हूं. इन्हीं सब बारीकियों में एक मंझा हुआ जासूस ग्रेगसन या लेस्ट्रेड से अलग होता है.”
              “और वह लाल चेहरा?” मैं ने पूछा.
              “आह, वह जरा सी तुक्केबाजी थी, हालांकि मेरे मन में कोई शक नहीं है कि मैं ठीक था. इस वक्त तुम्हें मुझ से नहीं पूछना चाहिए.”
               मैं ने अपने माथे पर हाथ फेरा. “मेरा सिर चकरा रहा है,” मैं ने कहा, जितना ज्यादा सोचो, उतना ही यह रहस्यमय होता जाता है. ऐसा कैसे हुआ कि अगर ये दो थे तो इस खाली घर में कैसे आए? उस घोड़ेवान का क्या हुआ जो इन्हें यहां तक लाया था? एक आदमी किसी दूसरे आदमी को जहर पीने के लिए मजबूर कैसे कर सकता है? यह खून कहां से आया? कत्ल का मकसद क्या था? क्योंकि डकैती तो थी नहीं. एक महिला की अंगूठी कैसे आई? सब से बड़ी बात तो यह है कि वहां से चंपत होने से पहले दूसरे आदमी ने जर्मन में ‘रेशे’ क्यों लिखा? मुझे कबूलना होगा कि इन सब तथ्यों का मेल बैठाना मेरे बस की बात नहीं है.”
                                                         मेरा मित्र समझते हुए मुसकराया, “तुम इन हालातों की कठिनाइयों को बखूबी समझते हो.” वह बोला, “पर अभी बहुत कुछ परदे में ही है, हालांकि मुख्य तथ्यों पर मैं अपने मन में फैसला कर चुका हूं. जहां तक बेचारे लेस्ट्रेड की खोज का सवाल है, वह तो पुलिस को गलत रास्ते पर डालने की चाल थी ताकि यह लगे कि इस मामले का संबंध समाजवाद या गुप्त सोसाइटी से है. यह किसी जर्मन का काम नहीं था. अगर तुम ने गौर किया हो, तो ‘ए’ जर्मन तरीके से लिखा गया था. अब असल जर्मन अक्षर लैटिन तरीके से लिखा जाता है, जिस से हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि दीवार पर लिखने वाला कोई जर्मन नहीं था, वह कोई ऐसा पाखंडी था, जो अपने पाखंड को कुछ ज्यादा ही बढ़ाचढ़ा गया. वह तो जांच को गलत दिशा में मोड़ने की चाल थी. मैं तुम को केस के बारे में और कुछ भी नहीं बताऊंगा. डाक्टर, तुम जानते हो कि अपना पूरा खेल समझाने के बाद बाजीगर को कोई भी तारीफ नहीं मिलती और अगर मैं अपने काम करने के तरीके के बारे में तुम को बताता हूं, तो तुम इस नतीजे पर पहुंचोगे कि मैं आखिरकार एक साधारण सा ही इनसान हूं.”
                              “मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा,” मैं ने जवाब दिया. “तुम ने जासूसी की कला को ऐसा शुद्ध विज्ञान बना डाला है, जिस से ज्यादा दुनिया में कभी कुछ हो ही नहीं सकता.”
                              मेरी बात से मेरे मित्र का चेहरा खुशी से लाल हो गया, क्योंकि वह बात मैं ने दिल से कही थी. मैं पहले ही गौर कर चुका था कि अपनी कला की तारीफ सुनने पर उस को उतनी ही खुशी होती थी, जितनी किसी युवती को अपनी सुंदरता के बारे में सुन कर होती है.
                            “मैं तुम को एक बात और बताता हूं,” वह बोला, पेटेंट लेदर और चौकोर पंजे एक ही कैब में आए थे और वे दोनों दोस्ताना अंदाज में, शायद बांहों में बांहें डाले इस रास्ते से गए थे. जब वे अंदर पहुंचे तो कमरे में इधर से उधर घूमे-या शायद, पेटेंट लेदर खड़ा रहा जबकि चौकोर पंजा इधर से उधर घूमा. यह सब मैं ने धूल से पढ़ लिया था और मैं ने यह भी पढ़ लिया था कि जैसेजैसे वह चहलकदमी करता गया, उस की उत्तेजना भी बढ़ती गई थी. यह उस के डगों की बढ़ती लंबाई से जाहिर है. वह पूरा समय बात कर रहा था, और उस का गुस्सा बढ़ता जा रहा था. फिर यह त्रासदी घटी. अब मैं ने तुम को वह सब बता दिया है जितना मुझे खुद मालूम था, क्योंकि बाकी सब केवल तुक्केबाजी है. फिर भी, हमारे पास कुछ अच्छे सबूत हैं जिन से हम शुरुआत कर सकते हैं. हमें जल्दी करनी चाहिए, क्योंकि आज दोपहर में नॉरमन-नेरूडा को सुनने के लिए हल्ले के कांसर्ट में जाना चाहता हूं.”
                          यह बातचीत उस वक्त हो रही थी, जब हमारी घोड़ागाड़ी अंधेरी सड़कों और गंदी गलियों से गुजर रही थी. इन में से सब से गंदी और अंधेरी गली में आ कर हमारे कोचवान ने गाड़ी रोक दी. “वहां पर ऑडले कोर्ट है,” उस ने बदरंगी ईंटों की कतार में एक पतले से सूराख की ओर इशारा करते हुए कहा.
                         ऑडले कोर्ट कोई सुंदर जगह नहीं थी. वह पतली गली हमें एक चौराहे पर ले गई. जिस पर झंडे टंगे थे और चारों ओर गंदे घर थे. हम मैलेकुचैले बच्चों और गंदे कपड़ों के बीच से होते हुए नंबर 46 पर आए, जिस का दरवाजा पीतल के एक टुकड़े से सजा था, जिस पर रेंस का नाम खुदा था. पूछताछ करने पर हम ने पाया कि कांस्टेबिल बिस्तर में था और हमें आगे के एक कमरे में बिठा दिया गया कि हम उस का इंतजार कर सकें.
                             कुछ समय बाद वह आया और नींद से जगाए जाने के कारण थोड़ा चिढ़ा हुआ था. “मैं ने ऑफिस में अपनी रिपोर्ट दे दी है.” वह बोला.
                             होम्स ने अपनी जेब से आधा सौवरेन निकाला और उस से खेलने लगा. “हम ने सोचा कि हम तुम्हारे मुंह से ही सुनना चाहेंगे,” वह बोला.
                            “जो कुछ भी मैं बता सकता हूं, वह बताने में मुझे बड़ी खुशी होगी,” कांस्टेबिल ने जवाब दिया. उस की आंखें सुनहरे सिक्के पर टिकी थीं.
                            “जो कुछ भी हुआ, वह हम तुम्हारे ढंग से सुनना चाहते हैं.”
                            “मैं सब कुछ शुरू से बताता हूं,” वह बोला, “मेरा वक्त रात दस बजे से सुबह छह बजे तक है. ग्यारह बजे ह्वाइट हार्ट में लड़ाई हुई, पर उस के अलावा गश्त के दौरान सब शांत था. एक बजे बारिश शुरू हो गई और मैं हैरी मरचर से मिला जो कि हॉलैंड ग्रोव गश्त पर था. हम लोग हेनरीटा सड़क के मोड़ पर खड़े बातें करते रहे. थोड़ी देर बाद शायद दो बजे या उस के बाद, मैं ने सोचा कि ब्रिक्सटन रोड पर जा कर देखूं कि सब कुछ ठीकठाक है या नहीं. वहां काफी गंदगी थी और सन्नाटा भी.
                           “मुझे पूरी रातभर कोई नहीं मिला, हालांकि एक या दो कैब जरूर मिली थीं. मैं ऐसे ही टहल रहा था, मन में सोचते हुए कि इस समय गरम जिन मिल जाए तो कितना अच्छा हो. तभी अचानक इस घर की खिड़की से कुछ रोशनी सी मुझे दिखाई पड़ी. मैं जानता था कि लौरेस्टन गार्डन के ये दो घर खाली पड़े थे. जिस का कारण था उन घरों का मालिक जो नालियां साफ नहीं कराता था और इन में से एक घर में रहने वाला किराएदार टायफाइड बुखार से मर गया था. इसलिए मैं वह रोशनी देख कर सन्नाटे में आ गया और मुझे शक हुआ कि कहीं कुछ गड़बड़ है. जब मैं दरवाजे पर पहुंचा-”
                           “तुम रुके और बगीचे के गेट तक वापस गए,” मेरे मित्र ने टोका, “ऐसा तुम ने क्यों किया?”
                            रेंस बुरी तरह हड़बड़ा गया और भौचक्का हो कर शरलॉक होम्स से कहने लगा, “यह सच है सर,” वह बोला.
                     “परंतु आप को कैसे मालूम पड़ा?”
                     “दरअसल, जब मैं दरवाजे तक आया, यहां इतना सन्नाटा था कि मैं ने सोचा कि बेहतर होगा कि कोई मेरे साथ हो. मुझे कब्र के ऊपर जिंदा किसी भी आदमी से डर नहीं लगता, पर मैं ने सोचा कि वह जो टायफाइड से मरा था, कहीं उन नालियों को देखने तो नहीं चला आया था, जिन की वजह से वह मरा था. इस विचार से मैं डर गया और मैं यह देखने वापस गेट तक गया कि मुझे मरचर की लालटेन दिखाई दे जाए, पर वहां न उस का निशान था, न किसी और का?”
                     “सड़क पर कोई भी नहीं था?”
                    “कोई जीवित आदमी नहीं था. सर, एक कुत्ता तक नहीं था. फिर मैं ने अपने को संभाला और वापस जा कर धक्के से दरवाजा खोला. अंदर सब शांत था इसलिए मैं उस कमरे में गया जहां रोशनी जल रही थी. मैंटलपीस पर एक लाल मोमबत्ती टिमटिमा रही थी. वहां रोशनी आ रही थी और उस रोशनी में मैं ने देखा-”
            “हां, तुम ने जो कुछ भी देखा वह सब मुझे मालूम है. तुम ने कई बार कमरे के चक्कर लगाए, फिर तुम लाश के पास घुटनों के बल बैठ गए और फिर तुम ने जा कर किचन का दरवाजा खोलने की कोशिश की और फिर-”
            भयभीत चेहरा और आंखों में शक लिए जॉन रेंस झटके से खड़ा हो गया. “तुम कहां पर छिपे हुए थे कि यह सब देख लिया?” वह चिल्लाया, “मुझे लगता है कि तुम को जितना मालूम होना चाहिए था, तुम उस से कहीं ज्यादा जानते हो.”
           होम्स हंसा और कांस्टेबिल की ओर मेज पर अपना कार्ड फेंका. “हत्या के लिए कहीं मुझे जेल मत भिजवा देना.” वह बोला, “मैं तो खोजी कुत्तों में से एक हूं, भेड़िया नहीं हूं, मिस्टर ग्रेगसन या लेस्ट्रेड इस बात का जवाब देंगे, आगे बोलो, फिर तुम ने क्या किया?”
            रेंस फिर से अपनी सीट पर बैठ गया, पर उस के चेहरे पर वह भौचक्का भाव बरकरार रहा. “मैं वापस गेट तक गया और सीटी बजाई, इस से मरचर और दो अन्य लोग मौके पर आ गए.”
          “क्या उस वक्त सड़क खाली थी?”
          “खाली तो थी, अब यह प्रश्न उठता है कि वहां पर कोई काम का आदमी था या नहीं.”
          “तुम्हारा मतलब क्या है?”
           कांस्टेबिल के चेहरे पर मुसकराहट फैल गई. “मैं ने अपने जीवन में कई शराबी देखे हैं,” वह बोला, “पर इतनी बुरी तरह धुत आज तक किसी को नहीं देखा. जब मैं बाहर आया, वह गेट पर था, रेलिंग पर लेटा हुआ सा और फेफड़े फाड़ने की आवाज में जोरजोर से गाना गा रहा था. वह तो खड़ा भी नहीं हो पा रहा था, मदद करना तो दूर की बात है.”
          “वह किस तरह का आदमी था?” शरलॉक होम्स ने पूछा.
           इस पूछताछ से जॉन रेंस कुछ खिसियाया सा लगा. वह एक अजीब तरह का शराबी लग रहा था,” वह बोला, “अगर हम इतने उलझे हुए नहीं होते, तो वह अपने को हवालात में पाता.”
          “उस का चेहरा, उस के कपड़े पर क्या तुम ने गौर नहीं किया?” होम्स ने बेचैन होते हुए पूछा.
          “मैं समझता हूं कि मैं ने उस पर गौर जरूर किया था क्योंकि मैं ने उस को सहारा दे कर उठाया था, मरचर और मैं ने. वह एक लंबा आदमी था, लाल चेहरा लिए, निचला हिस्सा गोल था.”
         “इतना काफी है,” होम्स बोल उठा, “उस का क्या हुआ?”
         “हमारे पास उस की देखभाल करने के अलावा भी बहुत सारे काम थे,” पुलिस वाले ने आहत आवाज में कहा, “मुझे यकीन है कि वह ठीकठाक अपने घर पहुंच गया होगा.”
          “उस ने किस तरह के कपड़े पहने हुए थे?”
          “एक भूरा ओवरकोट.”
          “क्या उस के हाथ में चाबुक था?”
          “चाबुक, नहीं.”
          “वह उसे कहीं छोड़ आया होगा.” मेरा मित्र बुदबुदाया.
          “उस के बाद तुम ने न कोई घोड़ागाड़ी देखी, न सुनी?”
          “नहीं.”
          “यह तुम्हारे लिए आधा सोवरेन है,” मेरे मित्र ने अपना हैट उठा कर खड़े होते हुए कहा. “मुझे डर है रेंस कि तुम पुलिस बल में ज्यादा ऊंचे नहीं उठोगे. यह तुम्हारा सिर शरीर की शोभा बढ़ाने के साथसाथ सोचने के काम भी आना चाहिए, कल रात तुम सारजेंट के पद पर तरक्की पा सकते थे. जिस आदमी को तुम ने बांहों में थामा था, उसी के हाथों में इस रहस्य की गुत्थी है और हम उसी आदमी को ढूंढ़ रहे हैं. इस बारे में बहस करने से अब कोई फायदा नही है. मैं कह रहा हूं कि ऐसा ही है. चलो, डाक्टर.”
           हम एकसाथ कैब की ओर चले और अपने मुखबिर को अविश्वस्त और बेचैन सा छोड़ गए.
          “बेवकूफ आदमी!” होम्स ने कड़वाहट से कहा. जब हम अपने कमरों में वापस जा रहे थे तो वह बोला, “जरा सोचो कि उस के हाथ में कैसा मौका था पर उस ने उस का फायदा नहीं उठाया.”
          “मैं अब भी अंधेरे में हूं. यह सच है कि इस आदमी का हुलिया तुम्हारे द्वारा खींचे गए हुलिए से एकदम मिलताजुलता था, पर एक बार जाने के बाद उस को वहां पर दोबारा क्यों आना पड़ा? यह तो अपराधी का तरीका नहीं है.”
          “अंगूठी, अरे, अंगूठी! वह अंगूठी के लिए ही वापस आया था. अगर हमारे पास उस को पकड़ने का और कोई तरीका नहीं होगा, तो हम उस के सामने अंगूठी का चुग्गा डाल सकते हैं. मैं उसे ढूंढ़ निकालूंगा, डाक्टर, मैं शर्त लगा सकता हूं कि मैं उसे ढूंढ़ लूंगा. मुझे तुम को शुक्रिया कहना चाहिए, अगर तुम नहीं होते तो मैं नहीं जाता और इस तरह अपने आप सब से बेहतरीन केस हाथ में लेने का मौका गंवा देता. रक्त के लाल रंग का अध्ययन है! क्यों न हम थोड़ी सी कला की भाषा का प्रयोग करें. जिंदगी के बदरंग धागे में हत्या का लाल रंग दौड़ रहा है और हमारा फर्ज है कि इस गुत्थी को सुलझाएं और उस को अलग कर के उस के हर कतरे को उजागर कर दें. अब लंच और फिर नॉरमन नेरुडा, उस का हमला और उस के झुकने का अंदाज बहुत सुंदर है. वह चोपिन का छोटा सा कौन सा तराना है, जिसे वह इतनी खूबसूरती से निभाती है: ट्रा-ला-ला-लिरा-लिरा-ले.”
            कैब पर पीछे पसरते हुए, यह खोजी कुत्ता, चिड़िया की तरह गाता रहा, जबकि मैं इनसानी दिमाग के बहुमुखी आयामों के बारे में सोचता रहा.

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