Hindi kahaniya - व्हेल और तितली - खलील जिब्रान
एक बार संध्या समय एक स्त्री और एक पुरुष को एक ही गाङी में बैठने का सुयोग मिला। दोनों में पूर्व परिचय भी था। वह पुरुष कवि था और जैसे ही वह उस स्त्री के पास बैठा, वह कहानियों द्वारा उसका मनोरंजन करने लगा। कुछ तो उसकी स्वयं की बनाई हुयी कहानिया थीं और कुछ दूसरों की।
लेकिन उसकी बातों के बीच ही उस स्त्री को नींद आ गयी। तभी अकस्मात गाङी में धक्का लगा और वह जाग पड़ी और कहने लगी, "मैं आपकी 'जोना और व्हेल' वाली कहानी की व्याख्या की करती हूँ। "
कवि ने उत्तर दिया, "लेकिन श्रीमती, मैं तो आपको अपनी 'तितली और श्वेत गुलाब' वाली कहानी सूना रहा था और यह सूना रहा था उनका एक दूसरे के प्रति व्यवहार कैसा था।
खलील जिब्रान
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कहानी का क्या मतलब है इसको समझने के लिए काफी दिमाग की जरूरत है और इस समय मेरा दिमाग काम करना बंद कर दिया है।
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